ऐमोनेरिया की आयुर्वेदिक चिकित्सा
वह हालात जहां एक से अधिक मासिक चक्र में मासिकधर्म की उनपस्थी हो, उसे ऐमोनेरिया कहते है।
इसको दो भागों में बांटा जाता है।
प्राथमिक:-यह शूरूआत में होता है और जीवन भर रहता है
इसको दो भागों में बांटा जाता है।
प्राथमिक:-यह शूरूआत में होता है और जीवन भर रहता है
द्वितीयक:-यह वह हालात है जिसमे नियमित मासिकधर्म अनियमित हो जाता है।
ऐमोनेरिया के लक्षण
इसका शुरुआती लक्षण है लगातार कई मासिक चक्रओ की अनुपस्थिति। इसके साथ साथ निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई देते हैं।
1) सिर दर्द होना
2) दिखने में परेशानी होना
3) मुहासे होना
4) बहुत ज्यादा प्यास लगना
5) चर्म का रंग गहरा होना
2) दिखने में परेशानी होना
3) मुहासे होना
4) बहुत ज्यादा प्यास लगना
5) चर्म का रंग गहरा होना
ऐमोनेरिया के कारण
1) पीयूष ग्रन्थि का काम न करना
2) गुणसूत्र का असामान्य होना
3) स्तनपान औऱ गर्भावस्था
4) शरीर का वजन कम होना
5) अत्यधिक कसरत करना
6) गर्भनिरोधक दवाई लेने से
7) चिंता
2) गुणसूत्र का असामान्य होना
3) स्तनपान औऱ गर्भावस्था
4) शरीर का वजन कम होना
5) अत्यधिक कसरत करना
6) गर्भनिरोधक दवाई लेने से
7) चिंता
ऐमोनेरिया के उपाय
1) कुछ मसाले जैसे काली मिर्च,दालचीनी, धनिया आदि का उपयोग करने से इससे निजात मिलती हैं।
2) इस स्थिति में खाना पकाने के लिए जैतून के तेल का प्रयोग किया जाता है।
3) भोजन में आयरन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए।
4) ऐसे योग और आसन करने चाहिए जिससे तनाव कम हो।
2) इस स्थिति में खाना पकाने के लिए जैतून के तेल का प्रयोग किया जाता है।
3) भोजन में आयरन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए।
4) ऐसे योग और आसन करने चाहिए जिससे तनाव कम हो।
5) आधा कप पानी उबालें और उसमें एक चम्मच केसर मिला लें इसको जब तक उबालें जब तक यह एक चम्मच जितना नहीं रह जाता इसको तीन भागों में बांट लें और दिन में तीनो टाइम ले|
6) चुकंदर का रस भी इसमें लाभदायक होता है|
7) एक गिलास दूध में आधा चम्मच दालचीनी मिलाएं और इसे रोजाना पीएं इससे वजन कम होगा जो कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए आवश्यक है
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